छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : केंद्र सरकार से प्राप्त स्पोर्ट्स ग्रांट की होगी जांच, पीएम कार्यालय ने दिए जांच के आदेश


राजनांदगांव। खेल भारत, खेलो भारत के अंतर्गत (स्पोर्ट्स ग्रांट) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार को प्राप्त अनुदान की राशि वर्ष 2019 से लेकर 2023 तक की जांच के आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिए है।
भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब इसे शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है, इस मंत्रालय के द्वारा दिनांक 24 दिसंबर 2018 को खेल अनुदान के अंतर्गत इनडोर और आऊटडोर खेलों के खेल उपकरणों की खरीदी हेतु स्पष्ट निर्देश दिया था कि शासकीय स्कूलों में बच्चों की वास्तविक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बच्चों की आयु एवं अभिरूचि के अनुसार खेलकूद सामग्री के चयन में स्थानीय स्तर पर खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को समाहित किया जाए। जिन विद्यालयों के प्रांगण में खेल का मैदान उपलब्ध नहीं हैं, इसके लिए उपयुक्त होगा कि ऐसे विद्यालय इंडोर गेम को ध्यान में रखकर खेल सामग्री का चयन कर उच्च गुणवत्तायुक्त खेल सामग्री का क्रय विद्यालय स्तर पर करें, जिससे सभी छात्र पूर्ण रूप से लाभान्वित हो सकें, लेकिन प्रदेश के कुछ अधिकारियों एवं शिक्षकों की मिलीभगत से कमीश्नखोरी के चलते नियम विपरीत बिना स्कूलों की स्कूल प्रबंधन समिति से अनुमति एंव स्वीकृति लिए प्रदेश स्तर से सामग्री क्रय कर जिलों के स्कूलों में गुणवत्ताहीन खेल सामग्री भेजा जा रहा था और जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संस्था प्रमुखों को उपयोगिता और गुणवत्ता प्रमाण पत्र देने दबाव बनाया जा रहा था।
बताया जा रहा है कि इस पूरे भ्रष्टाचार में शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी लिप्त है, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने इस मामले में विगत तीन वर्षो से राज्य सरकार से जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई रूचि नहीं दिखाया, तो इस मामले की जानकारी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को दी गई और जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ़ पैरेट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल की शिकायत दिनांक 6 जनवरी 2023 को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को खेल भारत, खेलों भारत के अंतर्गत (स्पोर्ट्स ग्रांट) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार को प्राप्त अनुदान की राशि वर्ष 2019 से लेकर 2023 तक की जांच कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।

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