छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना ग्रामीण क्षेत्रों में ला रही व्यापक बदलाव की बयार

– जिसका आगाज अभी ऐसा है, तो अंजाम क्या होगा..
– छुरिया विकासखंड के ग्राम कलडबरी के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से बदल रही गांव की तस्वीर
– उद्यमियों को 12 निर्माण कार्यों के लिए 3 लाख 50 हजार ब्रिक्स के मिले आर्डर
– बढ़ई, वेल्डिंग, अगरबत्ती निर्माण यूनिट, सिलाई यूनिट से मिला आजीविका का अच्छा अवसर
– ग्रामीण उद्यमिता को मिला बढ़ावा, युवाओं के सपनों को मिली उड़ान
राजनांदगांव 25 मई 2023। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में शासन की महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना मील का पत्थर है। रीपा योजना को गढ़ते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में एक विकासात्मक तब्दीली परिवर्तन की यह बयार दिलचस्प है। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए शासन की यह योजना कारगर सिद्ध हो रही है। जिसका आगाज अभी ऐसा है, तो अंजाम क्या होगा। राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के ग्राम कलडबरी के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से गांव की तस्वीर बदल रही है। युवाओं को रोजगार मिला है और उनके सपनों को उड़ान मिली है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार के निर्देशन में रीपा को मूर्त रूप देने के लिए टीम ने अथक कार्य किया।
रीपा कलडबरी में फ्लाई एस ब्रिक्स के लिए मशीन लग गई है। फ्लाई एस ब्रिक्स निर्माण यूनिट में कार्यरत उद्यामियों द्वारा प्राईवेट कंपनी से अनुबंध किया गया है। जिसके तहत कच्चा सामग्री की उपलब्धता एवं बने उत्पाद की जिम्मेदारी प्राईवेट कंपनी की होगी। प्रति ईट निर्माण के लिए उद्यमियों को 60 पैसे प्राप्त होंगे। मशीन की क्षमता प्रति दिवस 8 हजार ब्रिक्स निर्माण की है। उद्यमियों को 12 निर्माण कार्यों के लिए 3 लाख 50 हजार ब्रिक्स के आर्डर भी प्राप्त हो गए हंै। बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला है। रीपा ग्राम कलडबरी की मुख्य गतिविधि फ्लाई ऐश ब्रिक्स यूनिट हेतु मशीनरी के लिए कुल 19 लाख रूपए का व्यय किया गया है। इस गतिविधि हेतु ग्राम के नव युवा समिति समूह का चयन किया गया है। जिसमें कुल 12 सदस्य कार्य कर रहे हैं। जिस हेतु कच्चा माल की व्यवस्था जैसे रेत व सीमेंट राजनांदगांव से तथा फ्लाई ऐश रसमड़ा व रायपुर से की जाएगी।
कलडबरी के युवा अपनी पढ़ाई के साथ अपनी परंपरागत व्यवसाय को बढ़ा रहे हैं और उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिली हैं। बढ़ई, वेल्डिंग, अगरबत्ती निर्माण यूनिट, सिलाई यूनिट जैसे कार्य अच्छी तरह से संचालित है। श्रीमती पूर्णिमा ने बताया कि 13 समूह की महिलाएं मिलकर सिलाई का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आजीविका का ऐसा अवसर मिला है, जिसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद। यहां कार्य कर रही महिलाओं को छुरिया, राजनांदगांव एवं स्थानीय स्तर पर रेडिमेड कपड़ा बनाने के लिए आर्डर प्राप्त हो रहा है। उन्हें अभी तक 60 हजार रूपए का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। मसाला यूनिट में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र भी बनाए गए हैं। मसाला यूनिट में मसालों की पैकजिंग की जा रही है। वाई-फाई से युक्त व्यावयायिक प्रशिक्षण केन्द्र भी हैं। जहां ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा और हुनर को प्रोत्साहन मिलेगा। रीपा में चयनित सभी गतिविधियों में कार्य किए जाने हेतु अब तक 23 पुरूष उद्यमियों तथा 28 महिला उद्यमियों कुल 59 उद्यमियों का चयन किया गया है।

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