प्रदेश

खड़े-खड़े जिंदा जले लोग… जो जहां था वहीं लोहे से चिपक गया; तीन मिनट में हुआ सबकुछ तबाह

चमोली कस्बे में नमामि गंगे परियोजना के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी प्लांट) में करंट दौड़ने से वहां मौजूद 16 लोगों की मौत हो गई। जबकि 11 लोग झुलस गए हैं। झुलसों में छह को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। मरने वालों में पीपलकोटी के पुलिस चौकी इंचार्ज, एक ग्राम प्रधान, तीन होमगार्ड सहित अन्य लोग शामिल हैं।एसटीपी प्लांट को जाने वाले चार फीट के प्लेटफार्म में मौत ने जैसे लोगों को घेरकर उन पर झपट्टा मारा था। मौत की इस आग में वहां खड़े कई लोग सूखे पत्तों की तरह जलने लगे। उन्हें इस तरह आग की लपटों में घिरा देख वहां मौजूद भीड़ में चीख पुकार मच गई। सकरे रास्ते में भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर गिरने लगे। किसी ने रैलिंग पकड़ी थी तो किसी ने पोल का सहारा लिया। कुछ सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। हर जगह करंट था। बिजली के करंट के रूप में दौड़ी मौत ने वहां लाशों का ढेर लगा दिया। इसके बाद का नजारा जिसने देखा उसके पैरों तले की जमीन निकल गई।

दरअसल, अलकनंदा नदी के किनारे बने इस एसटीपी प्लांट को जाने वाला रास्ता वहां सेफ्टी वॉल (सुरक्षा दीवार) के ऊपर बना है। यह बमुश्किल चार फीट चौड़ा और 30 मीटर लंबा रास्ता है। इसके दोनों ओर लोहे की जाली की रेलिंग लगी है। इसके साथ ही लोहे के चार खंभों के सहारे प्लांट तक एक पाइप पहुंचाया गया है। 

सुबह के वक्त यहां स्थानीय लोग ऑपरेटर की तलाश में पहुंचे थे। ऑपरेटर यहां लोहे की सीढ़ियों के पास इसी चार फीट के प्लेटफार्म पर पड़ा था। एक के बाद एक यहां लोगों की भीड़ लग गई। चौकी प्रभारी प्रदीप रावत भी वहां कुछ सिपाहियों और होमगार्ड के साथ पहुंचे थे। 

छोटी सी जगह पर तकरीबन 35 लोग वहां जमा हो गए। मौत जैसे उन्हें चुपके से देख रही थी। अचानक वहां लोहे की सीढ़ियों के पास हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया। इसकी चपेट में आए कई लोगों में देखते ही देखते आग की लपटें उठने लगीं। कुछ लोग ऐसे जल रहे थे कि मानों सूखे पत्तों के ढेर में किसी ने आग लगाई हो। 

उन्हें देखकर वहां अन्य लोग चीख-पुकार करते हुए भागने लगे। उस वक्त किसी का हाथ रेलिंग से लगा तो किसी ने लोहे के पोल को पकड़ा। सभी एक दूसरे से चिपककर वहीं गिर गए। देखते-देखते मौके पर ही 15 लोग मौत के आगोश में समा गए।

जबकि, कुछ भगदड़ और लोहे की सीढ़ियों पर गिरकर झुलस गए। इसके बाद के दृश्य देखकर हर कोई गमगीन था। अस्पतालों से लेकर घरों और यहां तक की छोटे से इस शहर में मातम छा गया। किसी ने इसका वीडियो भी बना लिया जो खूब वायरल हुआ। 

तीन मिनट में हुआ सबकुछ तबाह
प्रत्यक्षदर्शी सुभाष खत्री ने बताया कि – सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर जैसे ही बिजली आई, तो लोग करंट की चपेट में आने लगे। 11 बजकर 29 मिनट पर बिजली चले गई। सिर्फ तीन मिनट में ही सबकुछ तबाह हो गया। जिसने भी प्लांट के प्लेटफार्म के बाद जाली वाले रास्ते में जाली पर टच किया, वह जमीन पर गिर कर झुलस गया और घायल हो गया।

पवन राठौर ने बताया कि प्लांट के बाहर लोहे के एंगल पर बिजली की चिंगारियां निकलने लगी और प्लांट के अंदर से धुंआ आने लगा। जिससे अफरा-तफरी मच गई। दीपक फरस्वाण ने बताया कि हादसे के चंद मिनट पहले वह प्लांट के बाहर आ गया था। वह कुछ दूरी पर ही पहुंचा था कि इधर-उधर से लोगों की चीख पुकार सुनाई दी। जिन लोगों को करंट लगा, वे चंद सेंकड में जमीन पर गिर गए। करंट से उनके शरीर बुरी तरह से झुलस गए।

‘अचानक फैला करंट, जैसे-तैसे खोला दरवाजा, कई अलकनंदा में कूद गए’
चमोली से एम्स ऋषिकेश एयर लिफ्ट कर लाए गए छह लोगों के साथ पहुंचे परिजनों ने नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी और यूपीसीएल को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

चमोली जिले के सेम डूंगरा गांव से आए दीपक फर्स्वाण बताते हैं कि मंगलवार रात को हरमनी गांव के युवक की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी। सूचना मिली तो ग्रामीण सुबह प्लांट गए। मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रदर्शन करने लगे। विरोध देख स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंचे थे। 

इसी बीच प्लांट की अचानक बिजली ऑन हो गई और शॉर्ट सर्किट हो गया। कई लोग करंट की चपेट में आ गए। जैसे-तैसे धक्का मारकर वहां पर दरवाजा खुलवाया। इस दौरान कुछ लोग भागते हुए जान बचाने के लिए अलकनंदा नदी में भी कूद गए। आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था ने वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे।

ऐसा देखा न सुना
प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की दुर्घटनाओं में कई बार बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। लेकिन, इस दुर्घटना के बारे में हर कोई यही बात कह रहा है कि ऐसा न कभी देखा न सुना। चमोली से लेकर राजधानी देहरादून तक हर कोई करंट लगने से मारे 16 लोगों की खबर सुनकर गए स्तब्ध था। शुरूआत में किसी को यकीन तक नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है। सोशल मीडिया पर कभी पांच तो कभी 10 के मरने की सूचना आ रही थी। लेकिन, हर कोई इसे झूठा होने की कामना कर रहा था। लेकिन, शाम तक जो तस्वीर सामने आई उसने सबको झकझोर दिया।

advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button