मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी मान्यता दे तो किसान भी मान जाएंगे। सरकार गलत रास्ता अपना रही है। सरकार किसानों को हरा नहीं पाएगी। सत्ता के अहंकार में किसानों के साथ ज्यादती न करें, उनकी जायज मांगे मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का काम चुप रहना है, लेकिन मेरी आदत है कि जो सामने हो रहा है, उस पर बोलूं।
सत्यपाल मलिक रविवार को अपने गृह जनपद के कसबा अमीनगर सराय में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने किसान आंदोलन के मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलकर किसानों की बात रखी है और कहा कि इन्हें खाली हाथ मत भेजना, न ही इन पर बल प्रयोग करना। ये खाली हाथ गए तो 300 साल तक भूलेंगे नहीं। सिक्खों को मैं जानता हूं, इंदिरा गांधी ने भी ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद अपने यहां एक माह तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था।
उन्होंने ने कहा कि मैंने राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट सुनी तो फोन करके इसे रुकवाया। राज्यपाल ने कहा कि देश में किसान का बुरा हाल है। किसान प्रतिदिन गरीब हो रहा है, जबकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन हर तीसरे साल बढ़ा दिया जाता है। किसान जो बोता है वो सस्ता और जो खरीदता है वो महंगा हो जाता है। किसान परिवार से हूं, इसलिए उनकी तकलीफ समझता हूं।
किसानों की समस्या हल कराने के लिए जहां तक जाना पड़ेगा, वहां तक जाऊंगा। एक कानून का प्रचार किया जा रहा है कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है। यह कानून 15 साल से है। लेकिन यूपी का किसान हरियाणा में फसल बेचने जाता है तो उस पर लाठीचार्ज हो जाता है। जिस देश के किसान और जवान असंतुष्ट होंगे, वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। सरकार को किसानों की समस्या हल करने की कोशिश करनी चाहिए।