रायपुर में ठगी के बढ़े मामले, तीन महीने के भीतर 100 से ज्यादा केस, साइबर संगवारी ने भी छोड़ा साथ
रायपुर । शहर में साइबर क्राइम नहीं रुक रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस की मुहिम फिलहाल ठप है। स्पेशल यूनिट के साथ साइबर संगवारी का कांसेप्ट फिलहाल सड़क के बाहर है। आम लोगों को जागरूक करने वाली नई स्पेशल यूनिट की टीम ने भी काम करना बंद कर दिया है।
साइबर एक्सपर्ट का अहम रोल
साइबर संगवारी यूनिट में साइबर क्राइम के विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई जाती है। जागरूकता कार्यक्रमों में एक्सपर्ट गली-मुहल्लों से लेकर घनी आबादी वाले हिस्सों में जाकर लोगों को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी दी जाती है। उद्देश्य पूरा करने के लिए दो टीमों का गठन कर कुछ दिनों के लिए शहर में लोगों को जागरूक करने काम किया गया, लेकिन यह बाद में एक्सपर्ट व्यस्तता के कारण इस यूनिट से दूर होते चले गए।
200 से ज्यादा केस का दबाव
आनलाइन फ्राड से लेकर दूसरे तरह के आर्थिक अपराधों के मामलों में साइबर सेल के पास 200 से ज्यादा प्रकरण में जांच कार्रवाई का दबाव है। सबसे ज्यादा अज्ञात फोन काल के जरिए लोगों से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। एक साल में 200 से ढाई सौ से केस आम हैं। प्रदेश की राजधानी में ही सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले हैं।
रायपुर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा, समय-समय पर टीम द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों को आनलाइन फ्राड से बचने के उपाय भी बताए जाते हैं।इस तरह के केस– रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को लुभावनी स्कीम बता कर।- आधार कार्ड अपडेट कराने और बैंक खाता का लिंक जोड़ने का झांसा।
लाटरी लगने के बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी।- आनलाइन एप में इनाम जीतने का झांसा।- क्रेडिट कार्ड-डेबिट कार्ड अपडेट कराने के नाम पर ठगी।- मोबाइल टावर लगाने का झांसा।- शेयर मार्केट में निवेश पर दोगुना प्राफिट दिलाने के नाम पर झांसा।