विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई को
राजनांदगांव 29 मई 2020। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग राजनांदगांव द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 31 मई 2020 को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष का थीम “Protecting Youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use”है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों में युवाओं के लिए आकर्षक स्वादों का उपयोग जैसे चेरी, बबलगम और कपास कैंडी जो युवाओं को स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने और उनका उपयोग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। चिकनी डिजाइन और आकर्षक उत्पाद, जिसके कारण युवा इसके गिरफ्त में आसानी से आ जाते हैं। स्कूलों के पास सिंगल स्टिक सिगरेट और अन्य तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों की बिक्री जो स्कूली बच्चों को इस तक पहुंचने के लिए सस्ता और आसान बनाता है। फिल्मों एवं टीवी शो में तम्बाकू उत्पादों के अप्रत्यक्ष विपणन से युवा इससे जुडऩे का प्रयास करते हैं।
डॉ. चौधरी ने बताया कि इसके साथ ही तम्बाकू खाने से कैंसर हो सकता है। ये बात जानते हुए भी लोग इस बुरी लत को अपनाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया के एक अरब धुम्रपान करने वालों में से लगभग 80 प्रतिशत कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। तम्बाकू में 7 हजार प्रकार के रसायनिक पदार्थ होते हैं, जिसमें आर्सेनिक, लेड, और टार में धुएं पाए जाते हैं। उन्होंने कोटपा एक्ट 2003 के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू पदार्थ बेचना एवं उसका सेवन करना एक दण्डनीय अपराध है। सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने पर कोटपा एक्ट 2003 की धारा 4 के तहत 200 रूपए का जुर्माना एवं सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन करने पर धारा 5 के तहत एक हजार का जुर्माना/दो वर्ष तक का कारावास एवं गलती पुनरावृति करने पर 5 हजार/पांच वर्ष का कारावास हो सकता है।