राजनांदगांव : मांगों पर सीएम भूपेश का ध्यान खींचने 6 दिवसीय धरना व रैली 6 से
० पिंकी ठाकुर के नेतृत्व में आंदोलन की राह पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच
राजनांदगांव। विभिन्न मांगों को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश में कार्यरत लगभग एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं के लिए आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसी कड़ी में जिले में भी 6 से 11 जुलाई तक धरना प्रदर्शन व रैली की तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में कलेक्टर को सौंपे गए पत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच की राजनांदगांव जिला अध्यक्ष पिंकी ठाकुर खैरागढ़ ने मांगों पर ध्यानाकर्षण कराते हुए धरना व रैली की चेतावनी दी है। जिसमें कहा गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता.सहायिकाओं के अधिकारों व हितों के लिए आगामी 6 जुलाई से 11 जुलाई तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा तथा आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी।
उनका कहना है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं का मानदेय बहुत कम है। कार्यकर्ता को 6500 रूपये (4500-2000) तथा सहायिकाओं को 3250 रूपये (2250-100) प्राप्त होता है। इसी तरह उन्होंने अपनी प्रमुख मांगें गिनाते हुए कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित करें या कलेक्टर दर दी जाए, बुढ़ापे का सहारा पेंशन दी जाए, मोबाईल दिया जाए और मोबाईल का डाटा भी दिया जाए या पोषण ट्रेकर एप में काम न कराया जाए, अन्य विभागों की तरह स्टेशनरी संबंधी अन्य सभी प्रकार की सामग्री शासन द्वारा दी जाए, वरिष्ठता क्रम में सुपरवाईजर पद पर प्रमोशन दिया जाए तथा 50 दिवस हड़ताल का मानदेय दिया जाए। पिंकी ठाकुर ने कहा है कि उपरोक्त मांगों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच द्वारा आंदोलन की तैयारी की जा रही है तथा इस बारे में शासन-प्रशासन को भी सूचित कर दिया गया है। इस आंदोलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच के बनरतले लाखों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता.सहायिका आंदोलन करेंगी।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्रीमती पिंकी ठाकुर, जिला सचिव श्रीमती संतोषी वर्मा, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती रेखा क्षीरसागर, जिला कोषाध्यक्ष श्रीमती पिंगला गंधर्व, परियोजना घुमका ग्रामीण 2 अध्यक्ष श्रीमती आशा निर्मलकर, परियोजना सचिव श्रीमती चंपी देवांगन, परियोजना उपाध्यक्ष श्रीमती संतोषी निर्मलकर परियोजना सहित अन्य उपस्थित थे।