छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : दो प्रकरण एसपी राजनांदगांव को जांच हेतु भेजा गया

– राजनांदगांव में महिला आयोग की सुनवाई में 18 मामले सुने गए
– प्रमुख सचिव पशु चिकित्सा विभाग को पत्र भेजकर दोषी अनावेदक का अन्यत्र स्थानांतरित कराने की अनुशंसा की गई

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला कलेक्टोरेट सभाकक्ष राजनांदगांव में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज राजनांदगांव जिला की 193वीं सुनवाई हुई। राजनांदगांव जिले में आयोजित जनसुनवाई में 18 प्रकरणों पर सुनवाई की गयी। इस दौरान महापौर श्रीमती हेमा देशमुख उपस्थित रही।


आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में लगातार अनावेदक की अनुपस्थिति पर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव को निर्देशित किया गया कि टीआई के माध्यम से अनावेदक को रायपुर महिला आयोग कार्यालय में 26 जुलाई 2023 को उपस्थित करें। आयोग के सुनवाई में उपस्थित डीएसपी को इस प्रकरण की जानकारी दी गयी। इसी से जुड़े एक और प्रकरण में पिछली सुनवाई में फर्जी वकील उपस्थित हुए थे। उन्हें चेतावनी दी गयी थी। इसके बावजूद अनावेदक अनुपस्थित है। जिसमें पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव को निर्देशित किया गया कि टीआई के माध्यम से इस अनावेदक की आवश्यक उपस्थिति महिला आयोग कार्यालय रायपुर में 26 जुलाई 2023 को सुनिश्चित किया जाये। आयोग के सुनवाई में उपस्थित डीएसपी के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को सूचना प्रेषित किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की ओर से उनके पिता द्वारा प्रकरण वापस करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें आवेदिका के हस्ताक्षर हैं। अनावेदक आयुक्त की ओर से निगम की कर्मचारी उपस्थित थे। उनके द्वारा आवेदिका की पिता की पहचान की पुष्टि की गई और यह बताया गया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में आवेदिका ने अपील दायर कर रखी है और प्रकरण एक ही समय पर दो जगहों पर सुनवाई नहीं हो सकती। उभयपक्षों की पुष्टि के आधार पर आवेदिका के प्रकरण वापस लेने की आवेदन को मंजूर करते हुए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया गया था कि दोनों पक्षों का स्थानांतरण अलग-अलग स्थान पर किया जाये। किन्तु पत्र दिनांक 20 जनवरी 2023 का पालन अब तक प्रमुख सचिव पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा नहीं किया गया है। आयोग द्वारा पुन: एक अंतिम कड़ा पत्र प्रेषित किया जायेगा और इसकी प्रति मंत्री पशुपालन विभाग को भी भेजी जायेगी। आयोग द्वारा एक माह के अंदर अनावेदकगण का स्थानांतरण वर्तमान राजनांदगाव जिला क्षेत्र के बाहर किये जाने की अनुशंसा की गयी। ताकि आवेदिका को अनावेदकगण के प्रताडऩा से बचाया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक के द्वारा लगातार अनुपस्थिति होने पर आयोग द्वारा थाना प्रभारी जामुल को पत्र भेजा गया ताकि एएसआई के माध्यम से अनावेदकगण को आगामी सुनवाई में आवश्यक रूप से उपस्थित कर सकें। प्रकरण रायपुर में माह सितम्बर 2023 में रखा जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने बेटों के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत की थी। जिसमें आज सुनवाई के दौरान आवेदिका अनुपस्थित रही और आवेदिका का बेटा जो कि अनावेदक क्रमांक 1 है। जिसका कहना है कि एक साल पहले जमीन बेचकर सबने आपसी बटवारा कर लिया गया है। अत: प्रकरण समाप्त कर दिया जाये। चूंकि आवेदिका अनुपस्थित थी इसलिए आयोग ने अनावेदक को निर्देश दिया कि आवेदिका को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग राजनांदगांव के समक्ष उपस्थित करें तथा जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज की छायाप्रति और आवेदिका के द्वारा समझौतानामा आवेदन पर हस्ताक्षर का मिलान सही पाये जाने पर प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका का कहना था कि उसकी फाईल राजनादगांव कोतवाली थाना में दबी हुई थी और जब फाईल मिली तब उसमें कार्रवाई का आवेदन दिया गया था। जिस पर कमिश्नर के रीडर ने एक सुलहनामा बनावाया था। मगर आवेदिका को अब तक उसका पैसा प्राप्त नहीं हो पाया है। आयोग द्वारा आवेदिका को समझाईश दिया गया कि प्रकरण की सुनवाई रायपुर मुख्यालय में रखने योग्य है। जिस पर आवेदिका द्वारा सहमति जाहिर किया गया। अत: प्रकरण की सुनवाई रायपुर में किया जाएगा।
आज की सुनवाई में कुल 08 प्रकरण नस्तीबद्ध हुए। 1 प्रकरण जिला कार्यक्रम अधिकारी राजनांदगाव को जांच हेतु प्रेषित किया गया, 2 प्रकरण उप पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव को जांच रिपोर्ट हेतु प्रेषित किया गया एवं 2 प्रकरणों को रायपुर में सुनवाई हेतु स्थानांतरित किया गया।

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