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 महाराष्ट्र : भूस्खलन से पांच की मौत, 100 के करीब लोग दबे, मौके पर पहुंचे CM शिंदे

महाराष्ट्र के रायगढ़ में एक बड़ा हादसा हुआ है। दरअसल रायगढ़ में हुए भूस्खलन में 30 से ज्यादा परिवारों के फंसे होने की आशंका है। बता दें कि रायगढ़ की खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में यह हादसा हुआ, जिसमें करीब 100 लोग फंसे हुए हैं। जिस जगह हादसा हुआ, वह मोरबी बांध से छह किलोमीटर दूर है। हादसे में कई लोगों को मारे जाने की आशंका है। अभी तक पांच शव बरामद हो चुके हैं और तीन लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी घटनास्थल पहुंचे हैं।  

राहत और बचाव कार्य जारी
रायगढ़ के जिलाधिकारी योगेश महासे ने बताया कि घटना मध्य रात्रि की है। एक टीम, जिसमें सब डिविजनल ऑफिसर और तहसीलदार शामिल हैं, घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। जिलाधिकारी ने बताया कि भूस्खलन जिस जगह हुआ, वहां पहुंचने के लिए दो घंटे की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसकी वजह से राहत और बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण है। घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अधिकारियों को फोन कर घटना की जानकारी ली और गुरुवार सुबह वह घटनास्थल पहुंच गए। वहीं पनवेल और नवी मुंबई के सभी अस्पतालों को सूचित कर दिया गया है और उन्हें प्रभावितों को सभी जरूरी चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।  

रायगढ़ में भारी बारिश का रेड अलर्ट
वहीं मौसम विभाग ने गुरुवार को रायगढ़ में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने एनजीओ से अपील की है कि वह एनडीआरएफ की मदद के लिए आगे आएं ताकि जल्द से जल्द बचाव कार्य को पूरा किया जा सके। एनडीआरएफ की दो टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। साथ ही चार एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद हैं। हादसा जिस जगह हुआ, वहां आदिवासी लोग रहते हैं। हादसे में घटनास्थल पर पांच-छह मकान और एक स्कूल सुरक्षित बच गए। बारिश के चलते 10-12 लोग स्कूल में रुके हुए थे, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई। वहीं पांच लोग मछली पकड़ने मोरबी बांध गए हुए थे, उनकी भी जान बच गई है। 

गृहमंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी ली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फोन पर घटना की जानकारी ली है। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘महाराष्ट्र के रायगढ़ में तेज बारिश से हुए भूस्खलन के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की। एनडीआरएफ की चार टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटी हैं। लोगों को वहां से निकालना व घायलों को तुरंत उपचार देना हमारी प्राथमिकता है।’

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