रायपुर जिला

मरीजों से अधिक राशि वसूलने पर अस्पताल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई, तीन माह के लिए सस्‍पेंड, मांगा जवाब

नगद पैसे लेकर बिल देने के नाम पर करते हैं ना नुकुर

शिकायतकर्ता द्वारा रकम की रसीद मांगी गयी। जिसपर प्रबंधन ने पहले तो बिल देने से इंकार कर दिया लेकिन काफी हुज्जत और हंगामे के बाद जब प्रबंधन ने बिल दिया तो उसमे शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए नगद रकम का 80 से 90% हिस्सा दर्शाया ही नहीं गया। जिसके बाद उन्होंने पत्र लिख कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

रायपुर- सरोना स्थित श्री संकल्प हास्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। आठ मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं देने और अधिक राशि वसूलने पर अस्पताल को योजनाओं से तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शासन की आडिट रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन पर आठ मरीजों से डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (आयुष्मान भारत योजना) के तहत इलाज में अधिक राशि वसूली गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी श्री संकल्प हास्पिटल के खिलाफ इलाज के नाम पर अधिक राशि वसूलने, आयुष्मान योजना के तहत इलाज न करने की शिकायत मिली थी।

करीब 27 मामलों में उन्हें विभागीय नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। इन प्रकरणों में भी इलाज के नाम पर अधिक राशि वसूलने, आयुष्मान कार्ड से इलाज न करने जैसी शिकायतें थीं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताई है। नोटिस थमाते हुए सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता 

निजी अस्पतालों में खिलाफ हर माह 20 से अधिक शिकायतें

जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं करने, अधिक राशि वसूलने की हर माह करीब 20 से अधिक लिखित व मौखिक शिकायतें सामने आती हैं। नकद व अधिक राशि वसूलने के चक्कर में राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से इन्कार कर देते हैं। जो स्वास्थ्य विभाग में शिकायत करते हैं, उनकी सुनवाई तो हो रही है। अधिकांश मामले में मरीज शिकायत ही नहीं कर पाते हैं।

शासकीय अस्पतालों में मरीज किए जा रहे रेफर

इधर, शासकीय अस्पताल प्रबंधन ने दबी जुबान में माना है कि गुपचुप तरीके से शासकीय अस्पतालों से कई मरीज निजी में रेफर किए जा रहे हैं। इसके लिए बाकायदा चिकित्सकों और कर्मियों का गिरोह काम कर रहा है, जो उन्हें बेहतर इलाज के नाम पर जबरन निजी अस्पतालों में भेज रहे हैं। डीकेएस और आंबेडकर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इस तरह की गतिविधि के लिए अब वह मरीजों की मानिटरिंग करा रहे हैं, जिसमें हर दिन इमरजेंसी, ओपीडी और आइपीडी की जानकारी मांगी जा रही है।

जिला-रायपुर सीएमएचओ डा. मीरा बघेल ने कहा, संकल्प अस्पताल के खिलाफ आयुष्मान कार्ड से इलाज न करने व अधिक राशि वसूली की शिकायतें मिली थीं। इस पर कार्रवाई हुई है। अस्पताल प्रबंधन से सात दिनों का जवाब मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर हम लाइसेंस रद कर देंगे।

श्री संकल्प हास्पिटल के प्रबंधक विमल मल्होत्रा ने कहा, स्वास्थ्य विभाग का नोटिस मिला। आरोपों की अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर जांच कर रहा है। अब तक किसी भी मरीज से अधिक राशि लेने की पुष्टि नहीं हुई है। हम आयुष्मान योजना का लाभ लोगों को दे रहे हैं। शासकीय नियमों का पालन किया जा रहा है।

मरीजों से अधिक राशि वसूलने पर संकल्प अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई, तीन माह के लिए सस्‍पेंड, मांगा जवाब


advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button